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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 27

      

                         मेरा बाप  मेरा दुश्मन। ( भाग 27)

            अब तक के भागौ में आपने पढ़ा कि तान्या विशाल  से शादी करती है जिससे उसके मम्मी पापा आत्महत्या कर लेते हैं। उन दोंनौ के घर एक बेटी का जन्म  होता है।  उसके बाद किस तरह तान्याणकी मौत व विशाल  का सारिका से दूसरी शादी करना व सारिका का अपनी सहेली के साथ मिलकर   रमला के साथ साजिस रचना।

          इस साजिस में विक्रम  का भी रमला को झूंठे प्यार में फसाना  अंत में इस साजिस का रमला को पता लग जाना। रमला अपनी सौतेली मां की शिकायत  अपने पापा से करती है। 

     आगे की कहानी इस भाग में पढ़िए। 


         अब रमला  का दिल यहाँ से कही और जाने का कर रहा था  लेकिन लड़की हौने के कारण वह अकेली कहाँ जाय ।उसे तो उसका प्यार ही अकेला तड़पने को छोड़कर भाग गया।

      रमला के मम्मी पापा ने  भाग कर शादी की थी इसका सबसे अधिक नुकसान रमला को ही हुआ था। उसे दादा दादी चाचा चाची बुआ फूफा नाना नानी अथवा मामा मामी किसी भी रिश्तौ का प्यार नहीं मिल सका था।

      उसको तो उसकी माँ का प्यार भीअच्छी तरह  नसीब नहीं हुआ था। अब उसे  पापा की नफरत का शिकार हौना पडे़गा। कभी कभी तो वह सोचती कि ऐसी जिन्दगी किस काम की इससे छुटकारा पाने को जी करता था।

          सारिका ने सलौनी से विक्रम के बिषय में पूछा तब वह बोली वह तीन चार दिन से नजर नहीं आया है। उसका मौबाइल भी स्विच आफ दिखा रहा है। इससे उन दोनौ बालाऔ को चिन्ता होगयी। रमला ने मना करदिया कि मुझे कुछ नहीं बताया है। न मुझे मालूम वह कहाँ है।

        विशाल को जबसे रमला ने सारिका पर इल्जाम लगाया था  तबसे वह बहुत परेशान रहने लगा था अब वह अति शीघ्र रमला के हाथ पीले करना चाहता था परन्तु विशाल को कोई लड़का नही मिल रहा था क्यौकि उसकी यहाँ कोई रिश्तेदारी भी नहीं थी और जानकारी भी नहीं थी।

      विशाल ने रमला की शादी के लिए सारिका से भी कहा था क्यौकि सारिका की इसी शहर में बहुत सी रिश्तेदारियाँ थी। अब सारिका भी इस कार्य में लग गयी थी।

      एक दिन सारिका के पास उसकी बहिन की बेटी का फौन आया कि मौसी मेरा एक जेठ है उसकी पत्नी का  एक हादसे में स्वर्गबास होगया है उसके दो बच्चे है  तेरी नजर में कोई गरीब लड़की हो तो बताना । खर्चा भी करदैगे बच्चे छोटे है कोई गरीब घर की लड़की बताना।

      सारिका को तो मुँह माँगी मुराद मिल गयी। अब उसने विशाल को उस लड़के के साथ रमला की शादी की सलाह दी । पहले तो विशाल मना करता रहा। जब सारिका ने उसपर अधिक दबाब बनाया तब वह तैयार होगया और  दौनौ ने बिना रमला को पूछे ही शादी तय करदी।

        विशाल भी अब किसी भी तरह रमला को अपने घर से दूर करना चाह रहा था क्यौकि अब उसे रमला व सारिका की आपस की फसाद का अन्दाजा होगया था ।इसी लिए वह डरने लगा था कि अब इन दोनौ के बीच की दूरिया बढ़जायेगी तब परेशानी  बढ जायेगी। यही सोचकर उसने शादी तय करदी।  सारिका को इससे बहुत लाभ हुआ था उसे इस शादी को सफल कराने के लिए दो लाख रुपये देने की बात तय हुई थी।

       विशाल जानता था कि यदि रमला से पूछकर शादी तय की गयी तब रमला इस शादी के लिए कभी भी तैयार नहीं होगी। विशाल को सबसे अधिक फायदा यह होरहा था कि यह शादी बिना दहेज के हो रही थी। विशाल को  दहेज देने के  लिए किसी से उधार नहीं माँगना पड़ेगा ।

       विशाल यह भी जानता था कि यहाँ मुम्ब्ई में उसे कोई भी उधार नही दे सकता था इसी लोभ में उसने यह शादी तय करदी  यह लड़का रमला से आठ दस बर्ष बडा़ था।

     अब विशाल को चिन्ता यह होरही थी कि रमला को कैसे बताया जाय उसकी समझ में कुछ नही आरहा था। सारिका ने ही समझाया कि रमला किसी बहाने से होटल में लड़का दिखाने का बहाना बनाकर लेचलते है और वही़ शादी के फेरे करवा देगे।

       विशाल ने रमला को सुबह ही बताया कि आज हमें एक होटल में एक परिवार से मिलने चलना है। विशाल व सारिका उसके लिए शादी जैसे कपडे़ भी ले आये थे। रमला को बहुत आश्चर्य हुआ कि मुझे आज ही बताया जा रहा है।

      इस पर विशाल ने बताया कि उनका कल  देर रात को ही फौन आया था।  रात को तू सो गयी थी इसलिए तू जगाना ठीक नहीं समझा। अब तू तैयार होजा तेरी माँकी ब्यूटी पारलर पर काम करने वाली एक लड़की के साथ जान पहचान है। वह तुझे तैयार कर देगी।

     सारिका ने विशाल को इस तरह फसालिया था कि वह जैसा  सारिका बतारही थी वह बैसा ही कर रहा था। सारा प्लान सारिका के द्वारा ही बनाया गया था। विशाल केवल एक मोहरा था। चाल तो सारिका ही चल रही थी।

        उधर सारिका ने सलौनी का मुँह बन्द करने के लिए उसे लोभ दे दिया था जिससे वह चुप होकर बैठ गयी थी।

        अब सारिका को अपना प्लान सफल होने की चिन्ता सता रही थी। क्यौकि उसे डर था कि कही़ रमला वहाँ पहुँचकर कोई फसाद खडी़ न कर बैठै।

    सारिका ने अपनी जानकर लड़की को बुलाकर रमला को तैयार करवा दिया। और समय पर रमला को लेकर होटल रवाना होगयी।

      होटल में सब इन्तजाम लड़के वालौ ने किया हूआ था। वहाँ पहुँचकर सारिका ने इशारे से ही उनको समझा दिया था कि किस तरह सभी तैयारी रखनी है।

        विशाल को कुछ नही मालूम था कि पर्दे के पीछे कितनी बडी़ साजिस रची गयी है। वह तो मूँक बनकर सब एक स्वचालित मशीन की तरह करता जा रहा था।

       विशाल से सारिका ने होटल के इन्तजाम के लिए खर्चे के नाम से पैसे लिए थे जबकि सारा इन्तजाम लड़के वालौ ने ही किया था। सारिका विशाल को हर जगह ठग रही थी।

                             "  क्रमशः" आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए। 


कहानीकार  प्रतियोगिता  हेतु रचना।

नरेश शर्मा "पचौरी"

 


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